Samar Singh 27 Jun 2023 गीत दुःखद वो ऐसे बिछड़े कि हम खुद में ही खो गए। 4744 0 Hindi :: हिंदी
खुद में खोया मेरा अपना जहाँ, और आप पूछते हैं, हम हैं कहाँ। खुद में ही सिमटे, खुद में ही भटके। बस एक याद लिए, एक ही उलझन में अटके।। और क्या बताएं हम अपनी दास्तां, खुद में खोया मेरा अपना जहाँ, और आप पूछते हैं, हम हैं कहाँ।। चाँद तारों में किसी को खोजा करते हैं, किसी की याद में अब रोजा रखते हैं। कैसे- कैसे खाब हम सिर्फ सोंचा करते हैं, आँखों से मोती पोंछा करते हैं। बारिश भी नहीं होती, सूख गया है आसमां, खुद में खोया मेरा अपना जहाँ, और आप पूछते हैं, हम हैं कहाँ।। रचनाकार- समर सिंह " समीर G "