रोकूंगा नहीं मैं-चेतन वर्मा
तू कहेगी हंस तो हंस लूंगा मैं तू कहेगी नाच तो नाच लूंगा मैं फिर भी छोड़ जाएगी तो तेरी मर्जी रोकूंगा नहीं मैं… तारे गिन कर भी चांद को ढूंढ लूंगा मैं अंधेरे को छोड़ उजाले में भी हाथ नहीं छोडूंगा मैं फिर भी छोड़ जाएगी तो तेरी मर्जी रोकूंगा नहीं मैं… तेरे होठों …