कुमार किशन कीर्ति 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य यादें, बचकर, प्यार 7881 0 Hindi :: हिंदी
मेरी यादों से बचकर कहाँ जाओगे? हर पल,हर लम्हा बस.... मुझे ही पाओगे? मेरी यादों से बचकर कहाँ जाओगे? पर,मेरी यादों के सिवा मैं फिर भी तुम्हारे पास आता रहूँगा। बनकर हवा में मीठी सुगंध तुम्हारे करीब ही रहूँगा। ओ मेरी नाजीनि... मेरी यादों से बचकर कहाँ जाओगे? :कुमार किशन कीर्ति,बिहार। ओ मेरी प्रिया.... तुम ही मुझे समझा दो मैं क्या करूँ? कोई प्यारी सलाह ही दे दो। मेरी यादों के सिवा मैं फिर भी आऊंगा। बनकर घुंघरू तुम्हारी पायल में। फिर,लिपटा रहूँगा तुम्हारी गोरे पैरों में....।