माँ और मैं-कविता यादव
माँ का सायां हर पल साथ रहता है मेरे, माँ ही है वो जिसका सिर पर हाथ रहता है मेरे। माँ करूणा की वो मूरत है, देखकर कष्ट मेरा तडफती है। मैं जो तडफूँ कहर माँ के दिल में उठती है। जब भी हारूँ जिंदगी से, माँ मुझमें नई आशाएँ भरती है। माँ का सायां………….. …