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जनसंख्या विस्फोट

virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख अन्य popullation controll 85670 0 Hindi :: हिंदी

संयुक्त राष्ट्र संघ ने वैश्विक आबादी पर प्रकाशित अपने प्रतिवेदन में कहा है कि भारत एक दशक के अंदर-अंदर चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश हो जाएगा।
गौरतलब है कि विश्व के कुल क्षेत्रफल में हमारी भागीदारी महज 2.4 प्रतिशत है, जबकि दुनिया की 17 फीसदी जनसंख्या हमारे देश में निवासरत है। 11 जुलाई 1987 को दुनिया की आबादी ने पांच अरब की संख्या को पार किया। तभी संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस दिन को जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसका मकसद जनसंख्या से जुडे़ मसलों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। वर्तमान में दुनिया की आबादी सात अरब से अधिक हो गई है, जिसमें हर साल 8.30 करोड़ लोग जुड़ जाते हैं।
					भारत की स्थिति
2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की जनसंख्या 1 अरब 21 करोड़ 1 लाख 93 हजार 422 हो गई थी। इसमें 62.30 करोड़ पुरुष एवं 58.70 करोड़ महिलाएं हैं। महिलाओं का प्रतिशत 48.50 है।
यह जनसंख्या अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान व बांग्लादेश की सकल जनसंख्या से भी ज्यादा है। पिछले दशकीय जनगणना वर्ष में देश की आबादी में 17.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हमारी जनसंख्या वृद्धि दर (1.55 फीसदी सालाना) है, जो चीन (0.66 फीसदी सालाना) से दोगुनी है।
अगर जनसंख्या वृद्धि दर यही रही, तो साल 2025 में हमारी आबादी चीन के बराबर या उससे अधिक हो जाएगी। अनुमान है कि वर्तमान में भारत की जनसंख्या 140 करोड़ के पार हो गई है।
यह बेहद अफसोसनाक है कि साल 2050 तक भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ने का आकलन है, जबकि 2025 के बाद ‘वनचाइल्ड पाॅलिसी’ की वजह से चीन की जनसंख्या ढलान पर होगी। गौरतलब है कि बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए 1979 से चीन में ‘एक बच्चा नीति’ का पालन सफलतापूर्वक किया जा रहा हैै।
खतरनाक हालातः 
1951 की जनगणना में भारत की जनसंख्या 36 करोड़ 10 लाख 88 हजार 4 सौ थी, जो 1961 की जनगणना में 43 करोड़ 92 लाख 35 हजार 720 हो गई। अर्थात 10 साल में हमारी जनसंख्या लगभग 8 करोड़ बढ़ गई। इसके बाद तो जनसंख्या वृद्धि दर विस्फोटक रूप धारण कर ली। 1951 से 2011 के मध्य 60 साल का फासला है। 1951 में जो जनसंख्या 36 करोड़ थी, वह 2011 आते-आते 121 करोड़ हो गई। यानी 60 साल के भीतर भयावह रूप से 85 करोड़ बढ़ गई।
1901 से जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण-1901 से 1921 स्थिर जनसंख्या का चरण, दूसरा- 1921 से 1951 संतुलित वृद्धि का चरण, तीसरा-1951 से 81 तीव्र वृद्धि का चरण, चैथा-वृद्धि के साथ-साथ वृद्धि दर घटने का लक्षण।
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अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायत’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर  ‘‘पंचायत, veerendra kumar dewangan से सर्च कर व पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है और लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है।

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