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जंगल से मंगल-जंगल है तो पर्यावरण संतुलन बना रहता है

संदीप कुमार सिंह 17 Oct 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 8207 0 Hindi :: हिंदी

जंगल से मंगल है। जंगल है तो पर्यावरण संतुलन बना रहता है। समयानुकूल वर्षा भी होती है। और अच्छी फसल से लोगों में उत्साह भी बना रहता है। आज कुछ लोग स्वयं के विशेष सुविधा के लिए जंगल का सफाया कर रहें हैं। जिसका खामियाजा सभी प्राणियों को भुगतना पड़ता है।

हमें प्रकृति के संतुलन के लिए कुछ न कुछ सार्थक कार्य करना चाहिए। प्रदूषण के अंधाधुंध फैलाव को रोकना चाहिए। आज हरेक प्राकृतिक सम्पदा प्रदूषण के भारी चपेट में है। लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाना चाहिए। गंदगी फैलाने वाले लोगों पर कड़ी करवाई होना चाहिए।

आज हवा प्रदूषित है, जल प्रदूषित है, ध्वनि प्रदूषित है, मिट्टी प्रदूषित है।मने जहां जाओ वहीं प्रदूषण का खतरा है। तो प्रदूषण के इस खतरनाक रूप को यथाशीघ्र रोकना चाहिए।

पेड़ों की अच्छी देखभाल होनी अति आवश्यक है। हरेक लोगों को अपने हाथों से पांच_दस पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। पौधों के प्रति भी हमें ख्याल रखना चाहिए। फुलवाड़ी_बागवानी भी करना चाहिए।

समय_समय पर जंगलों के इर्द_गिर्द फालतू खड़_पतवाड़ों को निकाल देना चाहिए। वहां की जमीन को स्वच्छ रखना चाहिए। सिंचाई की व्यवस्था मजबूत होना चाहिए। समय_समय पर पानी देते रहना चाहिए।

इसलिए ऐसे लोग जो अपने विशेष सुविधा के लिए जंगलों का सफाया कर रहा है, बहुत ही गलत कर रहा है। एक न एक दिन इसका खामियाजा इन लोगों को भी भुगतना पड़ेगा ही। फिलहाल और जनता जो कुछ लोगों के कारण परेशानी झेलते हैं। तो ऐसे जनता को कुछ लोगों के विरोध में अपनी आवाज बुलंद अवश्य करनी चाहिए।

सरकार को भी जंगल के बचाव के लिए  कड़े कानून बनाते रहना चाहिए। नित_प्रतिदिन इन कानूनों का पालन कराने के लिए एक दृढ़ विभाग नियुक्त करना चाहिए।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समातीपुर(देवड़ा)बिहार

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