Poonam Mishra 17 Mar 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत अब जिंदगी को अपनी ख्वाहिशों बताना छोड़ दिया 3942 0 Hindi :: हिंदी
जब जिंदगी में हजार ख्वाहिशों के बावजूद हमारी बहुत सी ख्वाहिश है अधूरी ही रह जाती है तो हम दिल को समझाना शुरू कर देते हैं और अपने आप को हर हाल में रहने की तसल्ली देते हैं हम जिंदगी से यह कहना शुरू कर देते हैं कि हमें तुम्हारी हर खुशी हर अदा हर गम जो तुम हमें दे सकती हो दे दो हमें सबको बोल है और हम अपने मन की ख्वाहिशों को दूसरों को बताना छोड़ देते हैं और जिंदगी जैसे भी जिस ढंग से हमें लिए जा रही होती है हम उसी हिसाब से जिंदगी को जीने लगते हैं इसी पर आधारित एक कविता कुबूल है जिंदगी का , हर तोहफा मैंने ख्वाहिशों का नाम बताना , छोड़ दिया जो दिल के करीब हैं , वह मेरे अजीज हैं मैंने गैरों पे हक जताना , छोड़ दिया जो समझ नहीं सकते , दर्द मेरा मैंने उन्हें जख्म दिखाना , छोड़ दिया जो गुजरती है दिल पे , हकीकत है मेरी मैंने दिखावे के लिए मुस्कुराना , छोड़ दिया जो महसूस ही नहीं करते , जरूरत मेरी मैंने उनका साथ निभाना , छोड़ दिया जो चाहते हैं रहना , बस नाराज मुझसे मैंने उन्हें बार-बार मनाना , छोड़ दिया जो मेरे अपने हैं , वह मिलेंगे जरूर मुझे मैंने बेवजह , बंदिशें लगाना छोड़ दिया