Ujjwal Kumar 13 Jun 2023 शायरी अन्य मन 11065 0 Hindi :: हिंदी
लाख बुराई मुझमें सही, पर तुम भी कौनसा दूध के धुले हो मेरे ज़मीर पर उंगली उठाने से पहले ये तो बताओ कभी अपने मन में झांक कर खुद से मिले हो उज्ज्वल कुमार 🖊
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