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बोझ

Noby prince 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक Bojh 19100 0 Hindi :: हिंदी

बोझ !!

लेकर दिल मे, दिमाग मे,चिंताओं का बोझ!
जी रहा ईसान यहाँ, मर मर कर हर रोज !!
नहीं है यहाँ इलाज इस बोझ का !
साथ रहेगा यह, काम है इसका रोज का !!
ईस बोझ के बोझ से दूर रहो, यही हमारा फैसला है !
कमज़ोर नहीं होना ईस बोझ से,यही हमारा हौसला है !!
ले सको किसी का बोझ, उधार समझ कर ही सही !
थोड़ा ह्ल्का करो किसी को तो, पर व्यापार समझ के नहीं !!

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