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किस्मत का चमत्कार

Chanchal chauhan 17 Dec 2023 कहानियाँ दुःखद एक गरीब छोटा बच्चा था 22835 0 Hindi :: हिंदी

एक गरीब बच्चा था।जिसके माता-पिता नहीं थे। बचपन में ही उसके माता-पिता गुजर गये थे।उसके एक बूढ़ी दादी थी जिसने उसको पाला था।वह दूसरों के घर झाड़ू पोंछा, बर्तन साफ करती थी। घर का  खर्चा उन पैसों से करती थी।उनका और दूसरा सहारा नहीं था।बस वो और उसकी दादी ही थे परिवार में।गनू एक छोटा लड़का था,जो पांच साल का था।उसकी दादी उसे बहुत प्यार करती थी।उसे किसी चीज की कमी नहीं होने देती थी।उसका बहुत ध्यान रखती थी।वह भी अपनी दादी को बहुत प्यार करता था।उसकी दादी ने उसका दाखिला भी स्कूल में कराया।वह स्कूल जाता था। जैसें जैसे वह बड़ा हुआ।वह बातों को समझता था उसकी दादी बुढ़ापे में भी कितनी मेंहनत करती हैं।वह ये सब बातें समझने लगा था ।एक दिन उनके गांव के पास एक मेला लगा।उसकी दादी उसको दिखाने ले गई।मेले में बहुत भीड़ थी।उसकी बूढ़ी मां नीचे गिर गई।उस बच्चे का हाथ दादी के हाथ छुड़ गया।बच्चा अपने दादी से अलग हो गया।दादी जब उठी तो देखा गनू नहीं है।उसकी दादी परेशान हो गई।उसको ना पाकर दुःखी हो गई।वह आगे को जाकर देखने लगी तो ,वह दिखाई नहीं दिया वो रोने लगी।बच्चा भी अपनी दादी को इधर उधर देख रहा था। वह रोते हुए आगे चले जा रहा था।मेले में एक बरगद का पेड़ खड़ा हुआ था।गनू उस पेड़ के नीचे आकर बैठ जाता हैं। वहां पर एक औरत और आदमी उसके पास आते हैं।वह उसको देखकर बहुत खुश होते हैं। परन्तु उसे रोता देखकर उनको दुःख भी होता हैं।वह औरत उसके पास जाकर बैठ जाती हैं, बेटा तुम क्यों रो रहे हो।वह बिलखता हुआ बच्चा कुछ नहीं बोलता हैं।वह उस बच्चें को गोद में उठा लेती हैं।वहां पर गुलमोहर के फूल बिक रहे थे।वह उसको वह फूल खरीदकर देती हैं।देखो बच्चा ये फूल कितना सुन्दर है। फिर भी वह चुप नहीं होता ।रोता रहता हैं।उसको गुब्बारे की दुकान पर लेकर जाते हैं।उसे गुब्बारा दिलाते हैं उसका थोड़ा मन तो गुब्बारे की ओर आकर्षित हो जाता है। वह थोड़ी देर के लिए चुप हो जाता हैं।वह फिर से रोने लगता हैं।वह फिर उसको मिठाई की दुकान पर ले जाते हैं,उसे मिठाईयां दिलाते हैं पर उसने थोड़ी सी चखी ।वह फिर भी रोता रहता हैं। फिर उस आदमी औरत ने बेटा चुप हो जाओ कुछ तो बताओ अपने घर वालों के बारे में, तुम्हारे मम्मी पापा का क्या नाम है? तभी तो उनके पास लेकर जायेंगे।वह बच्चा चुप हो जाता है।वह बच्चा कहता है, "मेरे मम्मी पापा नहीं हैं, मेरी दादी ने मुझको पाला है।" वह औरत कहती हैं," बेटा क्या नाम है तुम्हारी दादी का ?" वह बच्चा बता देता हैं। फिर वह उसके गांव का नाम पूछते हैं।वह बता देता हैं। फिर वह अलाउंस कराते हैं।उसकी दादी भी ढ़ूढ़ते ढ़ूढ़ते परेशान हो जाती हैं।वह भी जहां पर अलाउंस होते थे वो भी वहां ही जाने वाली थी । इतने में वह अपना नाम काअलाउंस सुनती है। वहां आ जाती हैं।गनू अपनी दादी को देखकर बहुत खुश हो जाता हैं।उसकी दादी के चेहरे पर भी मुस्कान आ जाती हैं।वह औरत और आदमी दोनों उन्हें देखकर बहुत खुश हो जाते हैं।वह औरत उसकी दादी के पास गई और कहा आप कैसे अकेले इतनी बूढ़ी हो कैसे खर्चा चलाती हो।पाप की उम्र नहीं हैं काम करने की आपको इस उम्र में आराम करना चाहिए। दादी कहती हैं,"मेरे बेटे बहू होते तो आराम मिलता मेरे सिवा कोई हैं भी तो नहीं करने वाला।वह औरत कहती हैं आप हमें ही अपने बेटा बहूं मान लो। हमारे साथ चलो उसकी दादी कहती हैं नहीं बेटा बहू तो मान लूं जब तक मुझमें जान हैं मैं अपने पोते को कमाकर खुला सकती हूं।किसी के ऊपर बोझ नहीं बनना चाहती ।वह औरत कहती हैं हमारी भी मां नहीं हैं हमें मां मिल जायेगी, बूढ़ों की सेवा का तो फल मिलता हैं उनका आशीर्वाद मिलता हैं वे बोझ नहीं होते।ये आपको पोंता हमारा बच्चा जैसा हैं।आपको मैं एक बात बताती हूं।सात साल पहले मेरा एक बच्चा था ।वह बीमारी के वह हमें छोड़कर चला गया।आपके पोतें जैसा इतनी ही उम्र का आपको पोतें को देखकर ऐसा लगा हमारा बच्चा हमें फिर से मिल गया, हमें बहुत खुशी हुई।हमारी अंधेरी जिंदगी में रोशनी आ गई। दादी बोली,"बेटी ये कुदरत का करिश्मा है तूझे सात साल पहले खोया बच्चा सात साल बाद मिल रहा हैं।लगता हैं उसी बच्चें ने सात साल पहले हमारे यहां जन्म लिया।"वह औरत कहती हैं,"हां अम्मा आप सही कह रही हो। मैं ईश्वर से ये ही प्रार्थना करती थी मुझे मेरा बेटा दे दे घण्टों पूजा में बैठी रहती थी।किसी से उसका बच्चा ना छीनना।मेरा बच्चा मुझे वापिस कर दे। आज भगवान ने मेरी सुन ली। मुझे मेरा बच्चा विपिन दे दिया।ये तो किस्मत का चमत्कार हैं आज मैं फिर से खुशहाल हो गई। वरना तो सात साल रोते दुःख में कट गये। मैं भगवान का धन्यवाद करती हूं।सभी को उसके बच्चे लौटा देना किसी मां का बच्चा उससे दूर ना करना चाहें मां को उठा लेना।
अब तो अम्मा हमारे साथ चलो हम सब साथ रहेंगे। दादी कहती हैं,"ठीक हैं बेटी तू आज से मेरी बहूं ही नहीं मेरी बेटी हैं।आज मेरा परिवार पूरा हो गया। मैं भी आज बहुत खुश हूं। भगवान सबको खुश रखें।

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