Prince longwal 30 Mar 2023 ग़ज़ल देश-प्रेम गजल 82604 0 Hindi :: हिंदी
हम सोच- समझकर कुछ लिख देते हैं माता- पिता ही नहीं बल्कि सब अच्छे लगते हैं न कहता हूं कुछ, न बोलता हूं बोल बड़े देखोगे तुम हमे और तालियां बजाओगे होकर खड़े सपना है बस एक कि रुलाना है दुनिया को जा रही है जिंदगी जिनकी, बचाना है उन लोगों को न जानता हर किसी को मगर रखता हूं मान जान लेना तुम हमे, यही है हमारी पहचान।