Ritvik Singh 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Heart Break, love, 15817 0 Hindi :: हिंदी
मैं अपनी क़लम की स्याही से तेरी मोहब्बत के निशान छिपा दूँ ! तुम कभी पूछो तों चन्द शब्दों में अपने दिल के हाल बता दूँ याद आते हैं वे ख़ूबसूरत पल जो तुम्हारे साथ बिताये थे सब कहते हैं भूलने को तुम्हें पर अपने प्यार को कैसे भुला दूँ कभी मिलना शाम ढलने से पहले तुझपे थोड़ा हक़ जता दूँ इस चाँदनी रात में इन वादियों की पुकार सुना दूँ चार शब्दों में अपनी एक अरदास बता दूँ मैं अपनी क़लम की स्याही से तेरी मोहब्बत के निशान छिपा दूँ ! कभी मुलाक़ात हो तों चन्द लम्हे तुम्हारे साथ बिता दूँ क्या हुआ अगर तूने हाथ नहीं दिया इन हाथों में मै बिना हाथ थामे भी तेरा साथ निभा दूँ । तुम्हारे बिना पूछे ही अपने सारे राज़ बता दूँ तुम मिलना मुझे नदी के उस मोड़ पर मै तुम्हें देख कर बस आँखो आँखो में मुस्कुरा दूँ अगर कोई पूछे कि कौन है वो तो मै तुम्हें सर्द सुभा की धुँध बता दूँ मैं अपनी क़लम की स्याही से तेरी मोहब्बत के निशान छिपा दूँ ! 📝 Ritvik Singh