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विश्व का मान है-मेरा देश महान है

संदीप कुमार सिंह 07 Jul 2023 कविताएँ देश-प्रेम मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4714 0 Hindi :: हिंदी

मेरा देश महान है विश्व का मान है, 
अब के समय में खूब धनवान है। 

विभिन्नताओं में भी एकता है,
अलग_अलग रंग_रूप भी है।

यहां के लोगों में जज़्बा खूब है,
मेहनत करने में भी आगे ही हैं।

उमंग लोगों में साथ_साथ चलता है,
प्रीत की खुशबू भी सुरभित होती है।

संस्कार वान ह्रदय विराजते हैं,
ज्ञान का प्रचार_प्रसार खूब है।

दोस्ती की परिभाषा सब जानते हैं,
रिश्तों की मधुर_मधुर परिवार सब हैं।

उत्सव _त्योहारों का अद्भुत संगम है,
परम्परा निभाने की भी सबको ज़िद हैं।

प्रशासन की सुन्दर प्रक्रिया बेजोड़ है,
कानून का डर लोगों में खूब है।

न्याय व्यवस्था की प्रणाली सुदृढ़ है,
दूध का दूध और पानी का पानी जैसा।

सरहद पर तैनात फ़ौज अत्यधिक चुस्त_दुरुस्त हैं,
जान से भी बढ़कर देश की सुरक्षा ही लक्ष्य है।

रंग भरे मौसम का आना जाना,
ज़िंदगी को हसीन बना देती है।

प्रकृति देवी की कृपा भी भरपुर है,
पेड़_पौधों खनिज सम्पदा की कमी नहीं है।

आसमान वाले भी अक्सर दया करते हैं,
अनुकूल वातावरण भी बना रहता है।

विद्वानों गुणी जनों से देश सुशोभित हैं,
मानवता का दीप सदा प्रज्वलित रहता है।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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