संदीप कुमार सिंह 02 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5446 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) नफा और नुकसान का,रखिए प्रतिदिन ध्यान। कारण को तब जानकर, प्रगति करे इंसान।। नफा और नुकसान में, मत फंस मेरे यार। सही कर्म करते रहें, सबका बन दिलदार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....