मोती लाल साहु 12 Aug 2023 शायरी प्यार-महोब्बत ए-विरह की अग्नि 7934 0 Hindi :: हिंदी
ये चांदनी रात मुझे तरसाती है, तन्हाइयों में ये रातें गुज़रती हैं,, ख्वाब ही रह गए अब ये मोहब्बत, विरह की अग्नि बनी है हक़ीक़त!! -मोती
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