मोती लाल साहु 27 May 2023 कविताएँ समाजिक प्यार परिवर्तन स्वीकार नहीं करती, आपको प्यार पसंद है यह आपकी प्रकृति है- जो आप पसंद करते हैं उससे आप प्यार करते हैं- यह भी आपकी प्रकृति है- इस संसार में जितने भी चीज हैं उसमें परिवर्तन है यह सांसाररिक वस्तुओं की प्रकृति है- तो आप किससे प्यार करते हैं- असल में आप प्यार करते हैं- उस तत्व से जो हरेक अणु में स्थापित है- जिसका परिवर्तन नहीं है। 5225 0 Hindi :: हिंदी
प्यार परिवर्तन- स्वीकार नहीं करती गौर करिएगा अर्ज करता हू.. आपको प्यार पसंद है,, यह आपकी प्रकृति है,, जो आप पसंद करते हैं,, उससे आप प्यार करते हैं,, यह भी आप की प्रकृति है,, गौर फरमाइए.. इस संसार में- जितने भी चीज हैं, उसमें परिवर्तन है यह सांसारिक वस्तुओं की प्रकृति है दो लाइन अर्ज है.. तो आप- किससे प्यार करते हैं, असल में आप प्यार करते हैं उस तत्व से जो- हरेक अणु में स्थापित है, जिसका परिवर्तन नहीं है....!!!! -मोती