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क्यूँ इतराता है तख्तोताज पर-ग्रहण तो हरीशचन्द्र के राज पर

Arun kumar sirswal 19 Aug 2023 शायरी समाजिक तख्तोताज#आज#गजरा#कल# 4344 0 Hindi :: हिंदी

क्यों इतराता है तख्तोताज पर 
ग्रहण तो हरीशचन्द्र के राज पर
मुड़कर देख अपना गुजरा कल
क्यों अकड़ रहा है आज पर

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