मोती लाल साहु 26 May 2023 कविताएँ समाजिक प्यार छुपा रखा, तुझे कैसे समझाऊं- दुनिया से छुपा के रखा- यह चिराग़ से रौशन होगी- रौशनी के लिए हर लम्हा से गुज़र जाऊंगा। 6853 0 Hindi :: हिंदी
प्यार छुपा रखा- तुझे कैसे समझाऊं, दुनिया से छुपा के रखा.. यह चिराग़ से रौशन होगी,, रौशनी के लिए- दर्द-ए-सितम से गुज़र जाऊंगा..!! -मोती