Shivani singh 10 Aug 2023 आलेख देश-प्रेम 7021 0 Hindi :: हिंदी
भारत की रीति-रिवाज समृद्ध और विविधता से भरपूर हैं। ये हमारे संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमारे समाज की विविधता को प्रकट करते हैं। यहां कुछ विचार दिए जा रहे हैं: 1. **विविधता का संजीवनी तंत्र:** भारतीय सभ्यता और संस्कृति में विविधता का महत्वपूर्ण स्थान है। विभिन्न धर्म, भाषाएं, भोजन, वस्त्र, और आचार-विचार भारतीय समाज के विभिन्न अंशों की पहचान हैं। 2. **परंपरागत बनीयत:** भारत में बहुत सारे रीति-रिवाज जो समाज के पारंपरिक तरीके से संचित किए गए हैं। ये बनीयत हमें हमारे विरासती धरोहर की समझ और सजीवता प्रदान करते हैं। 3. **एकता का प्रतीक:** भारत की रीति-रिवाज न केवल हमारे आचार-विचार को प्रकट करते हैं, बल्कि ये हमें सामाजिक एकता और अनुशासन की भावना को भी स्थापित करते हैं। 4. **सामाजिक और धार्मिक अर्थ:** रीति-रिवाजों के पीछे सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आर्थ होते हैं। ये रीति-रिवाज हमें संबंधों की महत्वपूर्णता और सजीवता का अनुभव कराते हैं। 5. **समय की मान्यता:** हमारे देश में कई धार्मिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाज समय के साथ बदलते रहते हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण रीति-रिवाज संवर्द्धनशीलता और धार्मिक भावनाओं के साथ जीवित रहते हैं। भारतीय समाज की रीति-रिवाजों के पीछे भगवान की पूजा, सामाजिक एकता, आदर्शों की पालना और धार्मिक सामर्पण की भावना होती है। ये रीति-रिवाज हमें हमारी समृद्धि, सामाजिक सद्भावना और संस्कृति की गरिमा को प्रकट करते हैं।