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दंगे

Pinky Kumar 17 Apr 2023 आलेख समाजिक 7485 0 Hindi :: हिंदी

जिस तरह देश में दंगे फसाद हो रहें है। यह बुलकुल सही नही है। आखिर कहाँ जा रहाँ है। हमारा देश पहले सरकार ऐसे लोगों को पालती है। और बाद में सरकार कि पोल ना खुल जाए तो सरकार उन्हे मरवा देती है। और मिडिया कि बात ही क्या उनसे तो उमुद छोड़ देना चाहिए ऐसे लोगों कि खबर दिखा कर ऐसे लोगी को बढ़ावा देती है। एरे कौनसा भगवान था जो आप उसे दिखाये जा रहें हो उसके पिछे भाग रहें हो क्या लगते है यह दंगाई आपके उसके खाने पिने कहाँ लेकर जा रहें है। सारी खबर दिखाते हो क्यां  मेहमान है। आपके और मेहमान तो होगे ही सरकार ऐसे लोगों पहले बढ़ाव देती है। उन्हें पालती है। और जब यही देंगे फसाद करने वाले सरकार के खिलाफ हो जाते है। तो उन्हें वही सरकार किसी ना किसी बात का बहाना बनाकर मरवा देती है। में यह नहीं कह रही हुँ कि इन्हें ना मारे बिल्कुल मारों इतना जल्दी एक्शन कुछ बलात्कारीयो पर भी लेलिया करो ताकि ऐसे अपराध बन्ध हो जाऐ नहीं हम तो उन्हें मारते जो हमारा या सरकार का विरोधी हो और बलात्कारी लोग सरकार के विरोधी नहीं होते  इस लिए उन्हें सरकार नहीं मारती है। बल्की उन्हें जैल और सजा से छुड़वाती है। देश के कानून और सरकार के रहते हुऐ देश में कोई अपराध नहीं हो सकता अगर होता है तो इस बात में कोई शक नहीं है। कि सरकार ऐसे लोगों को सरार पाल रही है इस बात में कोई दो राये नहीं है। और जितने दंगे फसाद इस समय हो रहे है। जितना पहले नहीं हुआ करते थे। में किसी सरकार पे अंगुली नही उठा रही हुँ बल्की यह बताने कि कोशिश कर रही हुँ कि आपके राज मे गुंडे पल रहें है और आप उन्हें पाल रहें है। क्या सरकार अपना काम ठीक से नहीं कर रहीं है बस जनता को किसी ना किसी बात में उलझाये रखना आपका काम है। और असली मुद्दो से बहकाना आपका काम है कभी मंदिर के कभी मस्जिद के नाम पर कहीं किसी कि हत्या करवा देना बस यही ख़बरें देकर जनता को बहकाये रखना और जनता भहकी हुई है। तभी तो हर किसी को अपनी सरकार बना लेती है। सबसे बड़ी बात सरकार यह सब काम वहाँ करती जहाँ के लोग पहले से ही भड़के हुए है। अब अतीक को मरवा कर हर समय टीवी पर वही न्यूज दिखाई जा रही है। और ऐसे दिखाई जा रही है। जैसे कोई भगवान का अवतार था अरे सरकार अरे न्युज वालो बन्द करो अपनी नौटंकी दिखाना हमे पता है कि तुम सब पैसो कि बोली पर बिके हुए हो 
मुझे माफ किजिएगा में किसी कि तरफदारी नहीं कर रही हुं बल्की जो सच है। वही बोल रही हुँ इतना जल्दी काम थोड़ा देश के मुदो पर भी कर लिया करो जैसे बेरोजगारी, गरीबी, मंहगाई  कि तो बात ही क्या वो तो आसमान छु रही है। कमाई पताल में और मंहगाई आसमान पर इन मुदो पर भी थोड़ा जल्दी एक्शन ले ताकी देश कि हालत सुधर सके आंतकवाद को देश के अन्दर आने से रोका तो देश के अन्दर ही आंतकवाद शुरु कर दिया बाततो बराबर ही है ना पहले आंतकवाद से डरते थे। अब देश के अन्दर ही डर लग रहा है। कि कोई गला ना काट दे कोई गोली ही ना चलादे ऐसा खोफ आपने जनता के अन्दर बिठा दिया है। यह एक तरह कि तानाशाही हुई कि अगर हमें वोट नहीं दोंगे तो ऐसे ही खुन खराबा होगा मुझे सबसे ज्यादा गुस्सा हमारी देश कि मिडिया पर आता है। चलो सरकार कि तो नित बदल सकती है। पर मिडिया को क्या हो गया है। क्यों वो सरकार का साथ दे रही है। और ऐसे अपराधियों को पालना बन्द करे

धन्यवाद

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