Pinky Kumar 24 Apr 2023 आलेख समाजिक 8616 0 Hindi :: हिंदी
देश में बढ़ते अपराध =)आए दिन हम न्यूज़ रिपोर्ट देखते और पढ़ते है। कि किस कदर हमारे देश में अपराध बढ़ते जा रहे है। कोई भी व्यक्ति आज के समय सुरक्षित नहीं है। हर समय यही डर रहता है। कि कही कुछ गलत ना जाएं हमारे देश में सच को दबाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति सच बोल भी रहा है। तो उसे धमकी दी जाती मारने कि या उसे मार भी दिया जाता है। ताकी सच सामने ना आये आएं कुछ अपराधों पर चर्चा करले =) 1 उतर प्रेदश के कानपुर देहात के थाने रुरा मड़ौली गांव से अतिक्रमण हटाने के दौरान माँ बेटी को जिन्दा जला दिया गया में पुछना चाहती हुँ कि सरकार उस समय क्या कर रही थी और कानून क्यों चुप था। =)2 राजस्थान में 6 अप्रैल बाड़मेर जिला स्थित एक मुस्लिम लड़के के द्वारा एक दलित महिला के साथ रेप किया गया और उस महिला को सही ईलाज नहीं मिलने के कारण 7 अप्रैल जोधपुर में उसकी मृत्यु हो जाती है। समाज कहता है। कि दलित के हाथ का पानी पिना भी पाप है। और यह क्या यहाँ पर तो खुले आम रेप किया जाता है। अब कहाँ गया समाज मेंने पहले भी कहाँ था कि जिसमें हवस जिंदा होती है। उन लोगों के लिए सुन्दरता, जाति, धर्म, क्षेत्र कोई मायने नहीं रखता =) राजस्थान के सीकर जिले में खुले आम दिन दहाड़े गैगस्टर राजू ठेहट को गोली मारी जाति है। में इन लोगों कि तरफ दारी करने के लिए नहीं लिखा है। बल्की इस लिए लिखा है। कि उस दिन किसी बेकसुर आदमी को गोली से मार दिया जाता है। और साथ ही लोगों में इन लोगो को लेकर डर बेठ जाता है। किसी को इस लिए मार दिया जाता है। कि उसने श्रीराम के नारे नहीं लगाएं तो किसी को इस लिए मार दिया जाता है। उसने अल्लाह नहीं बोला कोई मंदिर तोड़कर भाग जाते है। तो कोई मस्जिद तोड़ कर भाग जाते है। कही चोरी होती तो कही हत्या कहीं किडनैप करके पैसो कि फिरोती मांगी जाती कही खुले आम किसी लड़की और महिला को छोड़ा जाता है। कहीं गले कि चेन तोड़ लीजाती कही किसी लड़की के साथ रेप कर लिया जाता है। चाहे वह छोटी हो या बड़ी उसके साथ रेप करके उसे मार दिया जाता है। कहीं भ्रष्टाचार तो कही रिश्वत लीजाती है। ऐसे में हम देख सकते है। ऐसे अपराध करने वालो को सजा भी नहीं मिलती बल्की अपराधियो को बढ़ावा दिया जाता है। और ऐसे अपराध हर सरकार में होते रहते है ऐसे में कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। यह एक जनता में नफरत कि राजनीति किसने फैलाई क्या ऐसे लोग भारत के संविधान और कानून से बड़े हो गये एक वह गांधी वादी भारत को देखों जिन्होंने बिना किसी धर्म ,जाति, क्षेत्र, के आजादी कि लड़ाई लड़ी लोग गलत के खिफा लड़ने को तयार थे मरने को तयार थे। और एक अब देखो एक दुसरे के खुन के प्यासे हो चुके है। कहाँ गई गांधी वादी सोच अब तो गांधीजी के खिलाफ आज के युवाओं को बड़काया जाता है। आखिर कहाँ जा रहें हम हमारी सोच दिन प्रति दिन छोटी होती जा रहीं है। कब से ऐसे अपराध होने लगें है। आज के समय में वह लोग बहोत असुरक्षित है। एक तो सच बोलने वाला दुसरा गरीब तीसरा देश कि महिलाएं वहीं लोग आगे है। जो झुठे है। और ऐसे अपराध हो भी जाते है। तो जनता को दिखाने के लिए दोषियों को जेल में डॉल तो दिया जाता है। फिर उन्हीं लोगों को पैसे देकर या पुलिस को धमकि देकर दोषियों को छुड़वा लिया जाता है। ऐसे अपराध ही देश में आंतकवाद को जन्म देते है। यह एक आतंकवाद का छोटा रूप है। इन्हीं अपराधों से आंतकवाद बढ़ता है। और इसका शिकार आज कि युवा पिढ़ी हो रही है। सबसे बड़ा अपराध वह होता है। जो अपराध को बढ़ावा दे
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