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उद्योग में काम-सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग निजी क्षेत्र के उद्योग

संदीप कुमार सिंह 13 Nov 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगे। 15408 0 Hindi :: हिंदी

उद्योग  मे  काम  करने  का  तरीका  अलग  है।
और  उद्योग  दो  तरह  के  होते  हैं:-
1.सार्वजनिक  क्षेत्र  के  उद्योग 
2. निजी  क्षेत्र के उद्योग 

इन उद्योगों  में काम  करने  वाले व्यक्ति  को वेतन, भत्ता, पदोन्नति आदि मिलती  है।
लेकिन  होटल  जैसे  उद्योग में ये  सुविधाएँ  कम  ही  है। कम ही लोग  विज्ञापन या  रोजगार  कार्यालय के 
द्वारा  रोजगार  प्राप्त  करते हैं।
नलसाज,बिजली मिस्त्री,बढ़ई  एक  तरफ  हैं।
निजी ट्यूशन  देने वाले, छायाकार , धोबी दूसरी तरफ है।

इन  सभी   की  कार्यवधी  इनके  निजी  संपर्कों  पर निर्भर करती है।उनका  काम ही  उनका  विज्ञापन होता है।मोबाइल फोन ने इन काम करने वाले ज़िन्दगी को  और  भी  सरल  बना  दिया  है।अब  वे  ज्यादा  लोगों  के  लिए  काम  कर  सकते हैं ।

एक फैक्ट्री में कामगारों  को  रोजगार  देने  का तरीका  अलग  होता है।पहले  बहुत  से  कामगार ठेकेदार से रोजगार  पाते थे।आजकल  काम  दिलाने वाले का  महत्व  कम  हो  गया है।कामगार के  मरने  के बाद उसके लड़के को भी  काम  दिया जाता  है।

बहुत  सी फैक्ट्रियों  में बदली  कामगार भी  होते  हैं जो छुट्टी में गए हुये  मज़दूरों  के  स्थान  पर  काम  करते   हैं ।इन्हें  अन्य  के  समान  स्थायी  पद  या  सुरक्षा नहीं दी जाती। दिहाड़ी मज़दूरों के काम की  ठेकेदार व्यवस्था भवन  निर्माण या ईंट-निर्माण के  स्थान पर  दिखाई  देती है। ठेकेदार गाँव जाता है और वहाँ  काम चाहने वालों को  उधार(अग्रिम)दे  देता है।

उन्हें  कार्यस्थल  पर आने  का भाड़ा भी  दे  देता है ।भी  तक  अग्रिम  नहीं  सधता वह बिना पैसा के काम  करतार है।कृषि  मजदूर भी  कर्ज के बदले ज़मींदार के पास  बंधुआ मजदूर की  तरह रहते थे। उद्योगों  में भी अनियमित कामगार जाते  हैं।किन्तु  वहां वे अधिक मुक्त  हैं।वे  अनुबंध को तोड़कर किसी  और  के  यहां  काम  कर  सकते  हैं।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:-समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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