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चाह नहीं मैं सुर बाला के गहनों में गूँथा जाऊं चाह नहीं प्रेमी माला बन विंध प्यारी को ललचाऊ। चाह नहीं सम्राटों read more >>
चाह नहीं मैं सुर बाला के गहनों में गूँथा जाऊं चाह नहीं प्रेमी माला बन विंध प्यारी को ललचाऊ। चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हर read more >>
सूरज दादा सूरज दादा लाल आग का गोला है । गरमी में तपता है दिनभर शाम ढले सो जाता है । read more >>
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