काश,फूलों सी होती जिंदगी,
कुछ दिन तो, खिलखिलाते।
और बाद में हम, चाहे,
एक दिन, मुरझा जाते।
कुछ पल सुकून के, कम से कम,
हमारे हिस्से, भी आते।। read more >>
कभी कभी, ये ख्याल आ जाता है,
क्या सारा ज़माना, दुश्मन बन जाता है।
अपने काम से काम, रहता नहीं किसी को,
दूसरों के जीवन में, झांकना हर किसी को read more >>
हर बेरोजगार की, यही कहानी,
रोकर बीत, रही जवानी।
घरवाले भी अब, ताने देते,
हमें ही पता है, हम कैसे जीते।
सर्परूपी समाज भी, डसने को तैयार है,
read more >>