कदमों मेरे छालै
"जख्म दिल" के नहीं
दिखाने वाले
ये "दर्द "मेरा मुकद्दर.......तु क्या..........?
नाम तेरा.... मेरे लब्जो मे... रहे ....
ये.....
नाम..... read more >>
खामोश थे ,शब्द उसके
छाई थी! उदासी ,सी
पास बैठ थे!
हम भी,
पर उसे ,पता नहीं !
ये क्या कोई दर्द था ,
या दिल्लगी
तब से हम भी,
ये ही सोच रहे है! read more >>