तुम ऐसे गए ,घर वीरान कर गए,
वेदना का स्वरूप चौगुना कर गए,
जानती हूं फिर याद आओगे तुम हर बात में हमें,
वो बीते दिन और जीवन भर की यादें,
पर जो read more >>
इस दुनियां में गरीबी एक अभिशाप है,
यहां ज्वालों से भी बढ़कर इसका ताप है,
दिन –दिन भर मेहनत करना फिर भी रात में चैन की नींद न सो पाना ये हो read more >>
ऐ जिंदगी यूं परेशान न कर,
मुझे अपने सपने सजोने दिया कर,
रोज़ सजाती हूं अरमानों को अपने,
कम से कम उन्हें टूटने तो मत दिया कर,
थक चुकी हूं ल read more >>
न छोड़ी थी उम्मीद मैंने न सब्र मैंने छोड़ा था ,
सोचती थी जीत जाऊंगी मैं ये न किस्मत के ऊपर छोड़ा था,
उम्र हो चली थी मंजिल न अभी मिली थी,
कि read more >>