फ़टे मटमले कपड़े उनके, तन का वस्त्र भी है ना इनके
दिन-रात का ना ठिकाना, ठीक से हो ना खाना-पाना
बच्चे के लिए वो अड़ जाता, रिक्शे पे जिंदगी सड़ ज read more >>
गिरा आम के पेड़ से डाल, बच गया भईया बाल-बाल
आगे दिखा गजब टीकोरा, मन विचलित हुआ निहोरा
रात का मसला बीसो बार, अपना फेटा कई बार
जो पढ़ जाए वो दी read more >>