जाने क्यों कुरेधती हैं मन की मलाल,
जो बीत गया हैं दौर ,
जाने वो कौन सा दिन होगा,
जिसमें भूल जाए वो दौर,
आसान नहीं पर नामुमकिन भी नहीं,
थोड read more >>
"मुझे बनारस से नहीं,
वो पान वाली गलियों से जानो,
मुझे सुबह के सूर्य अर्ध्य के साथ उगती किरणों से जानो,
मुझे बनारस से नहीं,
मुझे दशाश्व read more >>
"साइकिल का था वो जमाना,
जिसके पीछे बँधा रस्सी पुराना,
वक्त वक्त पर काम आए,
सामान गिरने से बचाए,
चलती बस मेहनतीयो से,
शरीर स्वस्थ निरोग read more >>
" ,
कर कुछ नया इन आशो से,
लोग तो कहेंगे अच्छा या बुरा,
क्या फर्क तुझे इन बातों से,
है चाह इतिहास बदलने की,
तो शुरू कर अभी से ,
जो होगा समझ ल read more >>
"जीवन संघर्ष रूपी बहता जल है,
जीवन कई पन्नों की पूरी किताब है,
जीवन अपनों से मिली नई आगाज है,
जीवन फिर भी लाजवाब है और,
जीवन जीने का सबक read more >>