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Tulasi Seth

Tulasi Seth

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@ tulasi-seth-77
, Odisha

I am a housewife and I love to read and write

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My Articles

हसरतें दिल की दवी रह गई जुवान से न निकला लफ्ज़ कोई सपने तो थे सुनहरे क‌ई जो सपने में ही, कहीं खो ग‌ई। read more >>
जन्नत की चाह थी हमें कैसी कीचड़ में आके डुब ग‌ए दुसरों को तकलीफ़ न हो चाह में इसकी, खुद की खुशी का ध्यान रखना ही भूल ग‌ए। read more >>
अक्सर किसी की वेरुखी किसी की निंद और चैन छिन लेते हैं और उस सख्स को कोई फर्क ही नहीं पड़ता है ‌। read more >>
क्युं जाति के नाम पर गुनाह हजारों पल रहे हैं, उच्च नीच की तराजू में नित तोल रहे हैं । क्या ठप्पा लगाकर आए थे सब के मैं धनी तु निर् read more >>
इतना भी मत रुठा करो के मनाने में हमें तकलीफ़ हो नाजुक सा तो दिल है हमारा कहीं नाराजगी से इसके तुकडे न हो। read more >>
तुम क्या हो मेरे लिए कैसे बताऊं? तुम साथी हो,तुम सहेली हो हमसफ़र तुम, हमराज हो मनकी की हर बोल की आवाज हो कैसे बताऊं तुम मेरे लिए क्या हो! read more >>
नाराजगी बेसक करो हमसे कोई गम न होगा किसी और पे हक इए जाहिर किया तो वो गम भी हमसे सहन न होगा। read more >>
तकलीफ़ भी क्या चिज है, जो सताये हमें तेरे चेहरे की एक मुस्कान ही काफी जो संभाले हमें। read more >>
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