मोती लाल साहु 13 Jul 2023 शायरी अन्य #जिंदगी पतंग नहीं #न राह अनजान है #जब साईं का ठिकाना ही घट में है #तो मंजिल भी तन में ही मिलेगी। 5813 0 Hindi :: हिंदी
नाहीं ज़िंदगी पतंग है कि कट जाएंगे। नाहीं राह अनजान है कि गुम जाएंगे।। जब साईं का ठिकाना ही हर घट में है। तो जनाब मंज़िल भी तन में ही मिलेगी।। -मोती