Kranti Raj 15 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 10886 0 Hindi :: हिंदी
चंचल सी ,उपवन सी,पगली दिवानी मेरे ख्वावों की रानी कहां हो तुम तेरे मन की गंगा में गोता लगाऊ तेरे दिल की आंगन में खेलाऊ कहां तु मिलेगी कहां के परी तु मेरे अरमां जगा के कहां हो तुम रंग मन मे देखा तेरी निराली मेरे जीवन में करो खुशीहाली सुबह शाम देखु अपनी न्यन से कब तु मिलेगी बता दो तुम चंचल हवाओ उसके मन को छेडो मेरे प्यार की कद्र तो बताओ मेरे मन में भी प्यार जगा दो मेरे मन की मल्लिका कहां हो तुम कवि -क्रान्तिराज बिहारी दिनांक-15-06-23