संदीप कुमार सिंह 11 Nov 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगे। 14660 0 Hindi :: हिंदी
#विधा:_मुक्तक छंद #मात्रा:_20 मात्रा पर आधारित मुक्तक छंद (09_ 11पर यति) #"सृजन समीक्षार्थ प्रस्तुत" जुल्फ़ तुम्हारी, शंकर की जटा है। अदा तुम्हारी, गर्मी की छटा है। तुझमें सौंदर्य,है देवबाला की_ चाल तुम्हारी, सावन की घटा है। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....