Abhinav chaturvedi 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक Abhinav chaturvedi 66318 0 Hindi :: हिंदी
ज़िन्दगी जीत ज़िन्दगी का सिक्का है, सिक्कों के दो पहलू हैं, इसे दो वाक्यों में कह दूं मैं। इसे हमारे ज़िन्दगी में हर रोज़ फेरना है- कभी हमारे किस्मत में, कभी किस्मत के ख़िलाफ़ गिरना है। ज़िन्दगी के हर एक तरफ, हमको दबकर खिलना है। कुछ किस्से कहानियों से सीखना है। जैसे भगवान श्री कृष्ण से सिख सकते हैं, इस ज़िन्दगी की कविता में हम उनको लिख सकते हैं- यूँ तो विपदा आये बहुत, दुःख के बादल छाय बहुत, लाचारी में माँ-बाप दूर हुए,दूर हुए बचपन के दोस्त -यार। वो जवानी भी जिये अपने ढंग से, प्यार का उदाहरण दिये अपने सांवले रंग से। तब भी वो शांत रहे, शालीन रहे, जब दूर हुए अपने प्रिय राधा से घनश्याम। सबकुछ दूर हुआ उनका जीवन से, मगर दूर न हुई उनके चेहरे से मुस्कान।।