Uma mittal 30 Mar 2023 आलेख धार्मिक ज्योतिर्लिंग 19884 0 Hindi :: हिंदी
यह ज्योतिर्लिंग उत्तर भारत की प्रसिद्ध नगरी काशी में स्थित है |इस नगरी को बनारस,वाराणसी भी कहते हैं |श्री विश्वनाथ का अर्थ है विश्व के नाथ, सभी के ईश्वर,-भोलेनाथ को ही विश्वनाथ कहा जाता है |विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है | इस ज्योतिर्लिंग की महिमा बड़े-बड़े ग्रंथों में की गई है | यह नगर माता पार्वती जी के कहने पर शिव भगवान ने अपने त्रिशूल पर बसाया है| इसलिए इससे भगवान शिव जी की राजधानी भी कहा जाता है| यहां शिव जी के साथ गंगा जी और बड़े-बड़े तपस्वी आदि के बस जाने के कारण भी इस नगरी का महत्व काफी बढ़ गया है |कहते हैं जो भी प्राणी वाराणसी में प्राण त्याग करता है, उसके कान में शिवजी तारक मंत्र कहते हैं और वह प्राणी तर जाता है अर्थात चाहे वह कितना भी पापी हो ,आवागमन के चक्र से छूट जाता है| इसलिए इस नगर का महत्व और भी बढ़ गया है |यहां गंगा जी में नहाकर दर्शन करने का विधान है| इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से पापों से मुक्ति मिलती है| इस मंदिर में 5 बार आरती होती है|यहां अगस्त मुनि ने भोले बाबा की घोर तपस्या की थी | गुरु शंकराचार्य ने भी यहां शिवजी की आराधना की थी और कई गुरुओं ने यहां शिव जी की तपस्या करके भोले बाबा की कृपा प्राप्त की और एक थे गोस्वामी तुलसीदास जी ,जिन्होंने श्री रामचरितमानस की रचना की थी, पर वाराणसी के पंडितों ने इस रचना को झूठा बताया |तब इसी विश्वनाथ मंदिर में रात को सारे ग्रंथ के नीचे रामायण को रखकर मंदिर बंद कर दिया गया और तुलसीदास जी को बोला गया कि “अगर आपकी रचना की मान्यता होगी तो सुबह सबसे ऊपर आपका ग्रंथ हो जाएगा “|सुबह जब मंदिर खोला गया तो सभी पंडितों ने देखा कि रामायण सभी ग्रंथ के ऊपर था और उस पर “सत्यम शिवम सुंदरम” लिखा हुआ था और पंडितों ने ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ की वहां आवाज भी सुनी |अंत में सभी पंडितों ने तुलसीदास जी से क्षमा मांगी |तभी से हिंदू धर्म में रामायण की कथा होने लगी और तुलसीदास की रचना रामायण को पवित्र ग्रंथ की उपाधि मिली और इस प्रकार इस मंदिर के कितने ही अनोखे -अनोखे वर्णन मिलते हैं| इस ज्योतिर्लिंग का पूजन बड़ा ही फलदाई है |कभी मौका मिले तो अवश्य दर्शन करें | इस शहर में आने जाने में कोई असुविधा नहीं होती क्योंकि हर मुख्य शहर से यहां रेल और वायुयान की सुविधा है और यहां रहने के लिए होटल, धर्मशाला बड़ी आसानी से मिल जाते है और खाने पीने की भी कोई समस्या नहीं होती है | ऐसा माना जाता है कि काशी नगरी का प्रलय काल में भी अंत नहीं होगा और इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से सारे पापों का नाश होता है | यह मंदिर देखने में बहुत ही सुंदर है | बम बम भोले || कैसे लिखूं प्रशंसा शिव भोले की नहीं मेरी औकात | सोचते ही सोचते हो जाती रोज सुबह से रात || उमा मित्तल राजपुरा टाउन (पंजाब )