संदीप कुमार सिंह 13 Jun 2023 गीत प्यार-महोब्बत साया बनकर साथ चल रही हो 4645 0 Hindi :: हिंदी
तुझ से नजर मिला के जिन्दगी मदहोश है, तुझ से नजर मिला के जिन्दगी मदहोश है। साया बनकर तूं साथ चल रही हो, साया बनकर तूं साथ चल रही हो। आजकल न चैन ही है न ही नींद आती है, घर के दीवारों पर तुम्हारी ही तस्वीर लगी है। और दिल के दीवारों पर तेरा ही नाम लिखा है, बस तेरा ही तेरा ख्याल हरदम आ जाता है। तूं मेरे लिए बसंती हवा हो, तूं मेरे लिए कलकल जल हो। तुझ से नजर मिला के जिन्दगी मदहोश है, तुझ से नजर मिला के जिन्दगी मदहोश है। साया बनकर तूं साथ चल रही हो, साया बनकर तूं साथ चल रही हो। क्या गजब की जादू जानती हो, या नजरों में गुलाम बनाने की किरण रखती हो। यूं समझो तुम कायनात सुन्दरी हो, धरा पर तेरे सामने और कोई हसीन न हो। एक बार अपनी धड़कन से तो पूछ ले, मेरा ही नाम तेरी भी धड़कन में धड़कता है। तुझ से नजर मिला के जिन्दगी मदहोश है, तुझ से नजर मिला के जिन्दगी मदहोश है। साया बनकर तूं साथ चल रही हो, साया बनकर तूं साथ चल रही हो। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....