संदीप कुमार सिंह 06 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6949 0 Hindi :: हिंदी
हार जीत के दाव में, फसे जगत के लोग। मन से अथक प्रयास कर,पाते सुख का भोग।। हार जीत के दाव पर, पूर्ण लगा कर ध्यान। जीत सुनिश्चित कर चलें,रखें सत्य का ज्ञान।। हार जीत के दाव से,पाया सही मुकाम। खुशियों से जीवन चले,सफल किया सब काम।। हार जीत के दाव का,तैयारी कर पूर्ण। सुन्दर तब परिणाम हो,रहें सदा ही तूर्न।। हार जीत के दाव को,पहले करें विचार। हिम्मत से नव चाल चल,मिले जीत उपहार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....