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औरत का दुख-जो ईश्वर के दिए इस पुरुष मैं है मैं वो नारी शक्ति हूं

Manasvi sadarangani 05 Aug 2023 कविताएँ अन्य एक सवाल 23442 2 5 Hindi :: हिंदी

क्यो हर दम हर पल सबको लगे, 
कि औरत को साथ किसी का चाहिए,
उन्नति के मार्ग में हाथ किसी का चाहिए।

क्या मुझमें वो हुनुर नही,
जो ईश्वर के दिए इस पुरुष मैं है, 
मैं वो नारी शक्ति हूं,
जो एक समय पर दस काम करने की ताकत रखती हूं,
दर्द मैं भी अपने से ज्यादा दूसरो की परवाह करती हूं।
फिर क्यों हर पल साथ किसी का चाहिए,
उन्नति के मार्ग पर हाथ किसी का चाहिए।

दुर्गा राधा सरस्वती जाने कितने नामों से 
होती मेरी पहचान है,
मेरे बिना हर खुशी अधूरी और बेजान है। 
हर घर और घर वालों का होता 
मुझसे ही सम्मान है, 
फिर भी क्यों हरदम साथ किसी का चाहिए,
उन्नति के मार्ग पर हाथ किसी का चाहिए।

नर और नारी ईश्वर की दो प्यारी  कलाकारी है,
जिसके साझेदारी  से  चलती दुनिया सारी है,
तो क्यों सिर्फ औरत को ही,
साथ किसी का चाहिए,
उन्नति के मार्ग पर हाथ किसी का चाहिए।
                    श्रीमती मनस्वी सदारंगानी

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब

8 months ago

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Manasvi sadarangani
Manasvi sadarangani Wha wha kya baat hai

8 months ago

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