Anonymous 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #दीपावली 19956 0 Hindi :: हिंदी
अमावस को रात निराली है, अंधेरों में उजियाली है। जगमग जगमग दीपक से शोभित, धरा स्वर्ग सा है अनुमोदित । माता लक्ष्मी की पूजन कर, धन्य धरा ये सवाली है । ये भारत की दिवाली है , ये भारत की दिवाली है । सब ओर खुसी सौहार्द बट रहा, भाईचारे का प्रतीक छंट रहा । आज धरा दीपक बन बैठा, ब्रह्म बना एक थाली है । ये भारत की दिवाली है, ये भारत की दिवाली है ।