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मौत और जिंदगी

राकेश 24 May 2023 कहानियाँ समाजिक डर, डर से असफलता, डरावना भूत, पड़ोसी का भूत 8166 0 Hindi :: हिंदी

60 वर्ष के प्रभु की मौत का सबसे ज्यादा दुख उसके पक्के दुश्मन विपिन को होता है। क्योंकि विपिन और प्रभु पड़ोसी होने के बावजूद एक दूसरे की पक्के दुश्मन थे। इसलिए विपिन को पता था, कि मृत्यु के बाद प्रभु भूत बनकर एक दिन उसे जरूर जान से मारेगा। 

प्रभु की मौत के दूसरे दिन ही विपिन की पत्नी को 102 डिग्री बुखार हो जाता है। और जब उसकी पत्नी का बुखार उतरने का नाम ही नहीं लेता तो  सरकारी अस्पताल के डॉक्टर उसकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कर लेते हैं।

विपिन का बेटा दूसरे शहर में नौकरी करता था और उसने अपनी बेटी की शादी कर दी थी। इसलिए दोनों पति-पत्नी बड़े से मकान में अकेले रहते थे।

पड़ोसी प्रभु की मौत के बाद विपिन पत्नी के बिना एक पल भी अपने घर में नहीं रहना चाहता था। इसलिए अपनी बीमार पत्नी के साथ अस्पताल में ही रुक जाता है।

रात के 2:00 बजे अस्पताल का सिक्योरिटी गार्ड विपिन को अपनी बीमार पत्नी के कमरे से नींद से जगा कर यह कहकर कि "इस कमरे में सारी महिलाएं मरीज हैं, इसलिए इस कमरे से आपको बाहर जाना पड़ेगा।"और यह कहने के बाद विपिन को उस कमरे से बाहर कर देता है।

गहरी नींद में होने कि वजह से विपिन बिना देखे मुर्दाघर के पास खाली जगह देखकर वहां सो जाता है।

और कुछ देर बाद ही एक काले रंग का पूरा नंगा भूत उसकी छाती पर चढ़कर बैठ जाता है।

अपनी छाती पर बहुत ज्यादा वजन महसूस होने  की वजह से विपिन की नींद टूट जाती है।

विपिन चिल्ला चिल्ला कर उस नंगे हटे काटे काले रंग के भूत को अपनी छाती से
उतरने कि कहता है लेकिन ना तो उसकी आवाज ही निकलती और ना ही उसके शरीर में इतनी ताकत ही रहती है कि वह उस काले रंग के भूत को अपनी छाती से उतार दे। 

विपिन को उस भयानक डरावने भूत का चेहरा कभी प्रभु जैसा दिखता था कभी सड़ा गला जला हुआ चेहरा दिखता है।

मौत और जिंदगी की इस जंग में अचानक उसकी नजर अपने हाथ की घड़ी पर जाती है, तो उस समय घड़ी में रात के 2:30 बज रहे थे। विपिन को यह अच्छी तरह पता था कि सुबह 4:00 बजे के बाद भूत प्रेत चुड़ैल की शक्ति खत्म हो जाती है। इसलिए वह सोचता है कि अगर मैंने इस भूत को किसी भी तरह अपनी जान लेने से 4:00 तक रोक लिया तो मैं जिंदा बच सकता हूं। 
और वह उस भयानक डरावने भूत से बचने के लिए तेज तेज हनुमान चालीसा बोलने लगता है। 

विपिन को यह भी पता था कि मैं इतनी तेज तेज चिल्ला चिल्ला कर हनुमान चालीसा बोल रहा हूं, लेकिन मेरी आवाज किसी जीवित स्त्री-पुरुष तक नहीं पहुंच रही है।

जैसे ही वह काले रंग का नंगा भूत विपिन की गर्दन दबाता है तो वह भूत दो दिन पहले मरे उसके पड़ोसी प्रभु के रूप में आ जाता है।

और विपिन उस समय समझ जाता है कि प्रभु का भूत मुझे जान से मार कर पुरानी दुश्मनी का बदला लेकर ही छोड़ेगा।

और विपिन प्रभु के भूत से बचने की कोशिश करते करते अपने हाथ में बंधी घड़ी में समय देखता है, तो घड़ी में रात के 3:00 बज रहे थे।

विपिन को याद आता है कि दो दिन पहले प्रभु की मौत भी रात के 3:00 बजे हुई थी।

और एक पल के बाद प्रभु का भयानक डरावना भूत विपिन की जान लेकर विपिन से अपनी पुरानी दुश्मनी का बदला ले लेता है।

दूसरे दिन विपिन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि विपिन की मौत हार्ट फेल होने से हुई थी ना की किसी के गला दबाने से थी।

विपिन की पत्नी अपने पति की मौत से बहुत दुखी होकर रो रो कर कहती है कि "इनके मन में डर बैठ गया था कि इनका दुश्मन पड़ोसी प्रभु मरने के बाद भूत बनकर इनकी भी जान ले लेगा। इनके इस डर ने इनकी जान ले ली।" 

विपिन की पत्नी की यह बात सच थी या झूठ यह तो कह नहीं सकते। लेकिन मनुष्य का किसी भी चीज के लिए हद से ज्यादा डर उसे जीवन में कभी सफल नहीं होने देता जैसे परीक्षा से पहले फेल होने का डर।

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