Rani Devi 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम साँची धूप काव्य, वक़्त का पहिया, गणतंत्र दिवस 17053 0 Hindi :: हिंदी
तीन रंग का प्यारा झण्डा मेरे मन को भाये कसम है भारत माँ की आँच न इसको आए भारत की है जान तिरंगा हमारी है पहचान तिरंगा हम सब की है शान तिरंगा हर सैनिक का अरमान तिरंगा उसमें लिपट कर जब वो आए कसम है भारत माँ की आँच न इसको आए केसरिया बलिदान बताता श्वेत रंग शांति दर्शाता खुशहाली को हरा फैलाता जंग में तब साहस को बढ़ाता जब लहर -लहर लहराए कसम है भारत माँ की आँच न इसको आए प्राणों से है प्यारा तिरंगा गौरव इसका गाती गंगा बल दर्शाती कंचनगंगा देश हमारा रंग -बिरंगा सब धर्मों का मेल कराए कसम है भारत माँ की आँच न इसको आए सब में राष्ट्रप्रेम जगाता हिंदु मुस्लिम सिक्ख को भाता अमरता का ये पाठ पढ़ाता कश्मीर से कन्या तक लहराता पूर्व पश्चिम को इक कर जाये कसम है भारत माँ की आँच न इसको आए भारत का तब मान बढ़ाये विश्व में जब लहराए देशप्रेम का भाव जगाए दुशमन को ये तब धमकाये जब सैनिक के हाथों लहराए कसम है भारत माँ की आँच न इसको आए तीन रंग का प्यारा झण्डा
Hindi Lecturer in Government school GSSS Karoa Himachal Pradesh....