अमित कुशवाहा 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य #मेरीबचपन 119495 1 5 Hindi :: हिंदी
कुछ शब्द मेंरे कलम से ✍️✍️✍️✍️ बचपन का वह दिन प्यारा, जब याद आने लगती है। गुजरे हुए लम्हे की मस्तियां, यूं मन को सताने लगती है, मिट्टी की गोद में खेलते हुए, धूल कण याद आती है, बीते वक्त की वह यादें, आज अकेला में याद आती है।। बचपन का वह दिन प्यारा, जब याद आने लगती है । खेलते खिलौने की यादों में, लड़ता जिंदगी नजर आती है, नाना नानी की रुलाने की मस्ती में, मां का प्यार नजर आता है पढ़ने का सपना मन में लिए हमेशा, एक छोटा सा बचपना याद आता है।। बचपन का वह दिन प्यारा, जब याद आने लगती है। पेड़ों की डाली में झूलाए, लगाने की मस्ती याद आती है, बिचलित सी मुहल्ले की राहें में, गिल्ली डंडा आज भी नजर आती है, भाई -बहन की लड़ाइयों में , रूढना यूं ही याद आती है।। बचपन का वह दिन प्यारा, जब याद आने लगती है। नाम -अमित कुमार , छात्र _,हिंदी विभाग (बि.एच.यू.)
1 year ago