Rakhi sharan 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत दुल्हे की परछाई 27270 0 Hindi :: हिंदी
मोह के नए धागे में जुड़कर खुशियां तेरे नाम कर आई, मोड़ के मुख सखियों से तेरे लिए खेल खिलौने सब बिसराई, खोल के दिल का दरवाजा तेरे स्वागत में पलकें बिछाई, जोड़ के सपनों की उम्मीदी माला तेरे गले में पहनाई, तोड़ के शर्म की दीवार तेरे हाथों में हाथ डाल फेरे करवाई, चोर निगाहों की मुस्कान संग तुने कर दी मेरी मांग-भराई,, शोर दिल ने मचाई दुल्हन बन गई दुल्हे की परछाई, छोड़ के बाबुल का तेरे पीछे पीछे तेरे घर तक चली आई। राखी शरण