Preeti singh 28 May 2023 कविताएँ समाजिक भूल जाते हैं क्यों आए थे संसार में 6853 0 Hindi :: हिंदी
दुनिया की इस भीड़ में आते हैं मुसाफिर दूर से फंस जाते हैं इस मायाजाल में भूल जाते हैं क्यों आए थे संसार में।
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