Amit kumar 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक गांव 55718 0 Hindi :: हिंदी
गांव 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐******************************** प्यार मोहब्बत की बाते, हँसी - खुशियों की सौगात। अमन - चमन और खेलकूद में, बितायी हमने दिन रात ।। जाति-जाति व धर्म-धर्म के , संग -संग खेला करते थे। हर एक दूसरे पर हर साथी, जान भी लुटाया करते थे।। साथ मे आना साथ मे जाना, मिलजुल कर के खाना खाना। सबके दुःख को अपना मने, दूसरे को करते ना हम बेगाने।। कहा गया वो दिन हमारा , खुशियां भरा प्यारा सा गांव। दोपहरी में बागो का छाव, हंसी ठिठोली में छिप जाते घाव।। अब मानो सब दूर हो गया, लालच की भरमार से। अपनापन अब नही रहा, स्वार्थ में सब बेकार है।। जागो युवा बचालो गांव, प्रेम की चिंगारी जलाओ। बड़े -छोटे की लाज रखो, खुशियां रोज मनाओ।। कलम से- अमित रंजन,ग़ाज़ीपुर(यू. पी.)