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हार हुई सच्चाई की

संदीप कुमार सिंह 30 Apr 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी कविता आप सभी पाठक को अवश्य ही पसंद आएगी. 1560 0 Hindi :: हिंदी

हार  हुई  सच्चाई  की,     झूठ  की  हो  गई  जीत।
आज  तेरे  संसार  की,  सारी उल्टी  हो  गई रीत।
प्रयास करने वाला हार रहा है,निठल्ले ले  रहे  मौज-
कैसा है यह कुदरत का कानून?निभाती नहीं है प्रीत।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️

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