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जिंदगी एक सफर-खुद को ना माने ज्यादा होशियार

राकेश 06 Jun 2023 कविताएँ अन्य सफर, यात्रा, लंबा सफर, जिंदगी एक सफर 8476 0 Hindi :: हिंदी

खुद को ना माने ज्यादा होशियार, सफर जब करें गैरों के साथ।

वह स्वयं आएगा तेरे पास जिसका तुझे है इंतजार, परंतु पहचानने में वक्त ना कर देना बर्बाद, क्योंकि हमसे सब अच्छे हैं इंसान।

यह दुनिया खुद बना देती है होशियार, एक धोखे में समझ जाना, नहीं तो बेवकूफ समझेगा आपको जमाना।

बस इस जीवन के सफर में कहीं रुक ना जाना, बस चलते जाना, एक दिन पीछे भागेगा तेरे जमाना।

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