Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

कर्मों का फल-कर्मों का फल भुगतना पड़ता है

राकेश 04 Sep 2023 कविताएँ समाजिक कर्मों का फल, कर्म और भाग्य 8122 0 Hindi :: हिंदी

कर्मों का फल भुगतना पड़ता है, खेती करने से अन्न उगता है, जवानी में आराम करने वाला भूखा रहता है, चोर अपमान सहता है, इंसान फिर भी बुरे कर्म करता है, नशेड़ी का दम घुट घुट कर निकलता है, कर्मों का फल आवश्यक मिलता है।

बाबुल बोने पर आम नहीं मिलता है, महापुरुष कि इस बात को कर्महीन भी समझता है, वह कर्महीन होने पर अपमान सहता क्योंकि वह कर्महीन होने का कर्म करता है, कर्म फल से पक्षी जानवर भी नहीं बचता है।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: