Bholenath sharma 25 May 2024 कविताएँ समाजिक 6322 0 Hindi :: हिंदी
मत कीजिए खराब, यू ही जल को। अच्छा रहे उनके लिए भी आने वाले कल को। स्वार्थ हित न कीजिए , प्रदूषित नदी को । यह जानते हो तुम , पर तुम ही कर रहे हो शुद्धता ही मेरी पहचान मिथ्या बातें कह रहे हो । स्वंय न सुधरे ओरों को सुधार रहे हो । .