Amit kumar 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 79485 0 Hindi :: हिंदी
नासमझी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 आहों से पत्थर पिघलेगा इस धोखे में मत रहना, बिना लड़े इन्साफ मिलेगा, इस धोखे में मत रहना। भारत के ज़र्रे ज़र्रे में, अपना अपना हिस्सा है, बुला बुला कर कोई देगा, इस धोखे में मत रहना। भाग्य और भगवान तो प्यारे, केवल एक छलावा है, ईश्वर ही कल्याण करेगा, इस धोखे में मत रहना। कहा किसी ने तेरे हाथों में, धन दौलत की रेखा है, छप्पर फाड़कर धन बरसेगा, इस धोखे में मत रहना। शिक्षित और संगठित होकर,खुद पर तुम विश्वास करो। और कोई संघर्ष करेगा, इस धोखे में मत रहना। संविधान की रक्षा करना, सब की जिम्मेदारी है, कोई और बेड़ा पार करेगा, इस धोखे में मत रहना। बिना लड़े इन्साफ मिलेगा, इस धोखे में मत रहना, फिर अंबेडकर पैदा होंगे, इस धोखे में मत रहना। *जय मंडल जय सविधान जय भारत* कलम से- अमित रंजन