मुस्ताक अली शायर 24 Dec 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत कविता शायरी गजल 3938 0 Hindi :: हिंदी
प्यार हो रहा है उसकी हर बात पर मुझे ऐतबार हो रहा है जाने अनजाने में मुझे उससे प्यार हो रहा है... खुदा जाने क्या जादू कर गई वो हर पल मेरी आंखों को सिर्फ उसी का इंतजार हो रहा है.... गम की ना परवाह है ना खुशी से कोई वास्ता रहा बस उसकी मुस्कान देखकर आवाज मेरा संसार हो रहा है..... करार आता नहीं खुद के ही मकान में उसके कदमों को चूम कर ही नींद आती है लगता है उसके कदमों तले मेरा घर बार हो रहा है..... दिल उसके नाम से धड़कता है सांस भी उसी के नाम से आती है मेरा जिस्म उसी पर निसार हो रहा है..... एक दिन लगाया था उसने मेरे जख्मों पर मरहम तभी से मेरा दिल बीमार हो रहा है..... जल्दी से दुल्हन बन कर मेरे घर आ जाओ तुम्हें अपना बनाने के लिए मेरा जी बेकरार हो रहा है.... मुस्ताक अली शायर